दानिश रज़ा खान बुरहानपुर: बुरहानपुर के राजपुरा क्षेत्र में इस बार होलिका दहन का आयोजन अनोखे तरीके से किया जा रहा है। स्वामी विवेकानंद गणेश उत्सव समिति द्वारा 3100 गोबर के कंडों से पवित्र अग्नि प्रज्ज्वलित की जाएगी, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले लकड़ी और अन्य सामग्रियों के उपयोग को रोका जा सके। यह पहल न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ी है बल्कि पर्यावरण संरक्षण के संदेश को भी आगे बढ़ाती है।
समूहिक आरती और झांकियां रहेंगी आकर्षण का केंद्र
इस विशेष आयोजन में पहली बार 21 जोड़ों के साथ सामूहिक आरती की जाएगी। साथ ही भक्त प्रहलाद और होलिका की जीवंत झांकी भी श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होगी। आयोजन समिति के अध्यक्ष अमोल भगत ने बताया कि 25 दिन पहले से ही गोबर के कंडे बनाने का काम शुरू कर दिया गया था, जिसमें महिलाओं, बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों ने भी बढ़-चढ़कर सहयोग किया।
शुद्ध सामग्री से होगा होलिका दहन
इस बार होलिका दहन में देशी कपूर, इलायची, हवन सामग्री और गाय के घी का उपयोग किया जाएगा, जिससे वातावरण शुद्ध और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रहेगा। समिति के संरक्षक दिलीप श्राफ, मुकेश शाह, बंटी नागौरी, देवानंद इंगले और गौरव नागर ने बताया कि इस पहल से प्रेरित होकर जिले के 20 अन्य स्थानों पर भी पर्यावरण हितैषी होलिका दहन किया जाएगा।
पर्यावरण संरक्षण का संदेश
लकड़ी की होली जलाने से हर साल कई पेड़ काटे जाते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। लेकिन इस बार गोबर के कंडों के उपयोग से प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यह अनोखी पहल न केवल धार्मिक परंपराओं को सहेजने का कार्य कर रही है, बल्कि समाज को पर्यावरण के प्रति जागरूक भी बना रही है।
समाज को मिला एक नया संदेश
स्वामी विवेकानंद गणेश उत्सव समिति की यह पहल न केवल बुरहानपुर बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल बन सकती है। यदि अन्य जगहों पर भी इसी तरह का आयोजन किया जाए तो पर्यावरण को काफी हद तक संरक्षित किया जा सकता है। इस आयोजन से यह संदेश मिलता है कि धार्मिक परंपराओं को निभाते हुए भी प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझा जा सकता है।