google.com, pub-7060990374677024, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Holi kab hai 2025 date and time : 2025 में होली: रंगों और उल्लास का पर्व इस तारीख को होगा
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Holi kab hai 2025 date and time : 2025 में होली: रंगों और उल्लास का पर्व इस तारीख को होगा


भारत में होली का पर्व हर साल पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार न केवल रंगों का, बल्कि प्रेम, भाईचारे और नई शुरुआत का प्रतीक है। Holi kab hai 2025 में होली का मुख्य उत्सव 14 मार्च 2025, शुक्रवार को मनाया जाएगा, जबकि होलिका दहन 13 मार्च 2025, गुरुवार की शाम को होगा।

होली: परंपरा और महत्व

होली की शुरुआत होलिका दहन से होती है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन लोग लकड़ी और उपले एकत्रित करके अग्नि प्रज्वलित करते हैं, जो पौराणिक कथा के अनुसार, भक्त प्रह्लाद और होलिका से जुड़ी हुई है। माना जाता है कि इस अग्नि में नकारात्मकता और बुरी शक्तियों का अंत होता है।

अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है। सुबह से ही लोग एक-दूसरे पर गुलाल और रंग डालते हैं, गले मिलते हैं और मिठाई बांटते हैं।

2025 में होली की खास बात

2025 की होली खास है क्योंकि यह शुक्रवार को पड़ रही है, जिससे लोगों को तीन दिन का लंबा वीकेंड मिलेगा। इससे लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ त्योहार को और बेहतर तरीके से मना पाएंगे।

भारत के विभिन्न राज्यों में होली का जश्न

  • उत्तर प्रदेश: मथुरा और वृंदावन की होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां के मंदिरों में फूलों की होली और लट्ठमार होली का आयोजन होता है।
  • राजस्थान: शाही होली का आनंद लेने के लिए लोग जयपुर और उदयपुर जाते हैं, जहां राजा-महाराजाओं की परंपराएं आज भी जीवंत हैं।
  • पंजाब: यहां होली के साथ होला-मोहल्ला का आयोजन होता है, जहां सिख समुदाय अपने सांस्कृतिक और मार्शल आर्ट्स का प्रदर्शन करता है।
  • बंगाल: शांतिनिकेतन की होली को 'बसंत उत्सव' कहा जाता है, जहां यह पर्व संगीत, नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है।

पर्यावरण के प्रति जागरूक होली

हाल के वर्षों में, होली मनाने के तरीके में बदलाव आया है। लोग अब अधिकतर प्राकृतिक रंगों का उपयोग कर रहे हैं और पानी की बर्बादी को रोकने पर ध्यान दे रहे हैं। Holi 2025 होलिका दहन के लिए भी पर्यावरण के अनुकूल उपाय अपनाए जा रहे हैं, जैसे गोबर के उपले और सूखी लकड़ियों का उपयोग।

होली के लिए तैयारियां

होली के लिए बाजारों में उत्साह कुछ हफ्ते पहले से ही शुरू हो जाता है। रंग, पिचकारी, मिठाई, गुझिया और ठंडाई की खरीदारी जोरों पर रहती है। 2025 में भी यह माहौल खास होगा, क्योंकि लोग महामारी के बाद अब खुलकर त्योहार मना रहे होंगे।

निष्कर्ष

2025 की होली केवल रंगों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक अवसर है अपने प्रियजनों के साथ समय बिताने, जीवन में खुशियां जोड़ने और नफरतों को मिटाने का। इस साल होली को खास और यादगार बनाने के लिए अपनी तैयारियां अभी से शुरू कर दें और इसे सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से मनाएं।

आप सभी को 2025 की होली की शुभकामनाएं!

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