बुरहानपुर, संवाददाता दानिश रज़ा खान| बुरहानपुर के रजिस्ट्री कार्यालय में अवैध वसूली का मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष रिंकू टाक ने रजिस्ट्री कार्यालय में अधिकारियों और सर्विस प्रोवाइडरों की मिलीभगत पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि रजिस्ट्री के नाम पर तय शुल्क से अधिक धनराशि अवैध रूप से वसूली जा रही है। इस मामले में उन्होंने रजिस्ट्री कार्यालय में चल रहे "गोरखधंधे" को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है।
संपदा पोर्टल के बावजूद अवैध वसूली जारी
राज्य सरकार ने पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ऑनलाइन पोर्टल "संपदा" की शुरुआत की थी, ताकि जमीन और संपत्ति की रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जा सके। लेकिन आरोप है कि सर्विस प्रोवाइडर इस पारदर्शी प्रक्रिया में भी बिचौलिए की भूमिका निभा रहे हैं। रजिस्ट्री कराने वाले क्रेता-विक्रेता से 2 से 3 प्रतिशत तक अतिरिक्त शुल्क अवैध रूप से वसूला जा रहा है।
ग्रामीणों और आम लोगों में इस बात का डर है कि अगर वे यह अतिरिक्त राशि नहीं देंगे, तो उनकी रजिस्ट्री प्रक्रिया में देरी की जा सकती है, या फिर उनकी फाइलें लंबित रखी जा सकती हैं। इससे जनता में आक्रोश बढ़ रहा है।
पहले भी उठ चुके हैं सवाल, पर कार्रवाई नदारद
इस अवैध वसूली की शिकायतें पहले भी की गई थीं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब कांग्रेस जिलाध्यक्ष रिंकू टाक ने कलेक्टर भव्या मित्तल से हस्तक्षेप करने की मांग की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है।
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
कलेक्टर भव्या मित्तल ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पंजीयन विभाग के अधिकारियों को तलब किया है और हिदायत दी है कि अपने दफ्तर में हो रही अवैध वसूली की घटनाओं की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। कलेक्टर ने यह भी कहा कि यदि संपत्ति क्रेता की ओर से कोई भी अवैध वसूली की शिकायत आती है, तो दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जनता को कब मिलेगी राहत?
रजिस्ट्री कार्यालय में चल रही अवैध वसूली को लेकर जनता में असंतोष बढ़ रहा है। हालांकि कलेक्टर ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन सवाल यह है कि आखिर कब तक यह गोरखधंधा बंद होगा और लोगों को न्याय मिलेगा? प्रशासन की जांच और कार्रवाई का इंतजार अब जनता को है, ताकि रजिस्ट्री प्रक्रिया पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त हो सके।