बुरहानपुर, संवाददाता दानिश रज़ा खान| बुरहानपुर जिला मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर दूर असीरगढ़ गांव में इन दिनों एक अनोखी अफवाह ने गांव के लोगों में खलबली मचा दी है। अफवाह के मुताबिक, इंदौर-इच्छापुर नेशनल हाईवे के निर्माण के लिए की जा रही खुदाई के दौरान मुगलकालीन सोने-चांदी के सिक्के मिलने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई है। इस खजाने की खोज में ग्रामीण शाम होते ही टॉर्च लेकर खेतों में खुदाई करने पहुंच रहे हैं, उम्मीद में कि उन्हें भी सोने-चांदी के सिक्के मिलेंगे।
खजाने की लालच में खुदाई का सिलसिला जारी !
गांव में यह अफवाह फैली कि खेत के मालिक और मजदूरों को खुदाई के दौरान पुराने सोने-चांदी के सिक्के मिले थे। इसके बाद से ही यह खबर पूरे गांव में तेजी से फैल गई और लोग रात के समय खेत में पहुंचकर खुदाई करने लगे। कहा जा रहा है कि कुछ ग्रामीणों को वास्तव में सिक्के मिले और उन्होंने इन्हें स्थानीय बाजार में बेचकर नकदी प्राप्त की है।
इतिहास और पुरातत्वविदों की राय
असीरगढ़ किले के पास होने के कारण, इतिहासकारों का मानना है कि इस क्षेत्र में मुगलकालीन सिक्कों का मिलना असंभव नहीं है। पुरातत्वविद कमरूद्दीन फलक ने बताया कि असीरगढ़ का किला मुगलकालीन इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, जहां अमीर लोग अपने धन को जमीन में गाड़कर सुरक्षित रखते थे। फलक का कहना है कि यदि खुदाई में सिक्के मिलने की बात सत्य है, तो जिला प्रशासन को उन्हें जब्त कर सरकारी खजाने में जमा कराना चाहिए।
संदेह और ठगी की संभावना
हालांकि, फलक ने यह भी चेतावनी दी है कि कुछ ठग इस तरह की अफवाहें फैलाकर नकली सिक्कों को असली बताकर लोगों को ठगने का प्रयास कर सकते हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि प्रशासन इस अफवाह की गहराई से जांच करे और पता लगाए कि यह मामला वाकई सिक्कों का है या फिर किसी ठगी का खेल चल रहा है।
कांग्रेस नेता ने जांच की मांग की
इस बीच, कांग्रेस नेता अजय रघुवंशी ने जिला प्रशासन से मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर सिक्के वास्तव में मुगलकालीन हैं, तो उन्हें सरकार के खजाने में जमा किया जाना चाहिए। यदि यह अफवाह झूठी साबित होती है, तो इसके पीछे के जिम्मेदार लोगों को बेनकाब कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
प्रशासन की अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं
फिलहाल जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दे रहे हैं। हालांकि, मीडिया में इस खबर के आने के बाद अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू करने का मन बना लिया है। अब देखना यह है कि प्रशासन, पुरातत्व विभाग और पुलिस इस मामले की सच्चाई कितनी जल्दी उजागर करते हैं।
असीरगढ़ के इस खेत में खजाना मिलने की अफवाह ने ग्रामीणों को अपनी ओर आकर्षित किया है। लेकिन, इस बात की सत्यता क्या है, यह जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। प्रशासन और पुलिस विभाग को त्वरित कार्रवाई करते हुए इस मामले की तह तक पहुंचना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कहीं यह किसी ठगी का हिस्सा तो नहीं है।