बुरहानपुर, संवाददाता दानिश रज़ा खान| वन मंडल बुरहानपुर के नेपानगर परिक्षेत्र में 4 अक्टूबर 2024 की शाम को वन गश्ती के दौरान बीट दक्षिण हसनपुरा के कक्ष क्रमांक 197 में एक नर बाघ मृत अवस्था में पाया गया। वन अधिकारियों ने तत्काल उच्चाधिकारियों को सूचना दी, जिसके बाद वन मंडल अधिकारी विजय सिंह मौके पर पहुंचे और निरीक्षण कर संबंधित स्टाफ को आवश्यक निर्देश दिए।
रातभर मृत बाघ की निगरानी की गई, और अगले दिन यानी 5 अक्टूबर 2024 को भोपाल वन विहार से आए वन्य प्राणी चिकित्सकों और जिला बुरहानपुर के उपसंचालक डॉक्टर हीरा सिंह भवर सहित अन्य चार पशु चिकित्सकों द्वारा मृत बाघ का पोस्टमार्टम किया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि बाघ की उम्र लगभग 10 से 12 वर्ष थी, जो कि जंगल में बाघों की औसत उम्र (12-15 वर्ष) के करीब है। प्रारंभिक जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बाघ की प्राकृतिक मृत्यु हुई है, लेकिन इसकी पुष्टि विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही की जा सकेगी।
वन्य प्राणी चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम के दौरान बताया कि बाघ के शरीर पर किसी प्रकार की चोट या बाहरी हमले के निशान नहीं मिले हैं। बाघ के विसरा सैंपल को सुरक्षित रखा गया और इन्हें विस्तृत जांच के लिए इंदौर की लैब भेजा जाएगा।
इस पूरी कार्यवाही के दौरान खंडवा वृत्त के मुख्य वन संरक्षक रमेश गणावा, वन मंडल अधिकारी विजय सिंह, और नेपानगर तहसीलदार जितेन्द्र अलावा के साथ वन विभाग के कई अधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि मौजूद थे।
पोस्टमार्टम के बाद मुख्यालय भोपाल से मिले निर्देशों के अनुसार, बाघ के अवशेषों का अग्नि में भस्मीकरण किया गया। इस प्रक्रिया में सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे और बाघ के अंतिम संस्कार को विधिपूर्वक संपन्न किया गया।
बाघ की मौत को लेकर कोई संदिग्ध कारण सामने नहीं आया है, और विशेषज्ञों का मानना है कि यह अधिक आयु के कारण हुई प्राकृतिक मृत्यु हो सकती है। हालांकि, अंतिम पुष्टि विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगी। वन विभाग इस पूरे मामले पर कड़ी नजर बनाए हुए है और जांच पूरी होने तक किसी भी प्रकार की अटकलों से बचने की अपील की गई है।