दानिश रज़ा खान, भोपाल। मध्य प्रदेश में आगामी चुनावी तैयारियों को लेकर कांग्रेस ने अपनी संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पार्टी ने प्रदेश में प्रभारी सचिवों की नई जिम्मेदारियां तय कर दी हैं, जिनके तहत 15 जिलों को विशेष ध्यान केंद्रित करने के लिए चिह्नित किया गया है। इनमें बुरहानपुर का नाम विशेष रूप से शामिल है, जो इस रणनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
बुरहानपुर पर कांग्रेस का विशेष जोर
बुरहानपुर, जो मध्य प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में स्थित है, बुरहानपुर का राजनीतिक महत्व पार्टी के लिए बढ़ गया है। बुरहानपुर ज़िलें को एमपी प्रभारी संजय दत्त के अधीन किया गया है, जिनके नेतृत्व में कांग्रेस के महिला मोर्चा, सेवादल और युवा संगठनों के साथ समन्वय बनाया जाएगा। इसके माध्यम से पार्टी ने बुरहानपुर में संगठनात्मक जड़ें मजबूत करने का संकल्प लिया है।
बुरहानपुर को संजय दत्त के जिम्मे सौंपना, कांग्रेस की सोच को दर्शाता है कि वे न सिर्फ महानगरों बल्कि छोटे शहरों और कस्बों में भी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती हैं। जहां पर स्थानीय स्तर पर पार्टी की जमीनी पकड़ को और अधिक सशक्त किया जा सके।
प्रभारीयों की जिम्मेदारियां और जिलों का विभाजन
एमपी कांग्रेस प्रभारी भंवर जितेन्द्र सिंह ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिवों को जिलेवार जिम्मेदारी सौंप दी है।
संजय दत्त को झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, धार, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, भोपाल, शाजापुर, आगर मालवा, उज्जैन, देवास, और इंदौर की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
चंदन यादव को श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोक नगर, विदिशा, रायसेन, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, पन्ना, और जबलपुर जिले दिए गए हैं।
आनंद चौधरी के जिम्मे रतलाम, मंदसौर, नीमच, राजगढ़, सीहोर, होशंगाबाद, बैतूल, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, और अनूपपुर जिले की जिम्मेदारी आई है।
प्रभारी सचिवों की जिम्मेदारी के साथ ही, प्रदेश कांग्रेस ने इन जिलों में समन्वय स्थापित करने के लिए पार्टी के विभिन्न मोर्चा संगठनों, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, और इंटक जैसी इकाइयों को भी सक्रिय किया है।
बुरहानपुर की रणनीतिक भूमिका
बुरहानपुर की भौगोलिक स्थिति, इसके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण इसे कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जा रहा है। यहां की जनता की समस्याओं को हल करने, जनसम्पर्क बढ़ाने और जमीनी स्तर पर सक्रियता बढ़ाने के लिए विशेष रणनीतियों पर काम किया जा रहा है। संजय दत्त के नेतृत्व में, बुरहानपुर जिले के कार्यकर्ता स्थानीय समस्याओं के निराकरण और विकास के मुद्दों पर केंद्रित रहेंगे।
बुरहानपुर के भविष्य के लिए कांग्रेस की उम्मीदें
कांग्रेस का मानना है कि बुरहानपुर जैसे जिले में मजबूत संगठनात्मक ढांचे और जमीनी स्तर पर सक्रियता से पार्टी को चुनावों में लाभ मिलेगा। कांग्रेस की यह नई रणनीति न केवल बुरहानपुर बल्कि अन्य जिलों में भी पार्टी के लिए सकारात्मक परिणाम ला सकती है।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि बुरहानपुर में कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ताओं की मेहनत और नए नेतृत्व की योजना से आगामी चुनाव में अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। यह पहल कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, जो राज्य में राजनीतिक संतुलन को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश कर रही है।
इस नई रणनीति के तहत, पार्टी का उद्देश्य है कि वह न सिर्फ बुरहानपुर बल्कि पूरे राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत कर सके। इसके लिए पार्टी ने सभी प्रभारी सचिवों को निर्देशित किया है कि वे जिलों में अपने संगठन को सक्रिय रूप से संचालन करें और स्थानीय जनता से जुड़कर उन्होंने कांग्रेस के पक्ष मे मज़बूत करें।