बुरहानपुर, दानिश रज़ा खान: बुरहानपुर नगर निगम में इन दिनों सियासी घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस के पार्षदों ने बीजेपी की महापौर माधुरी पटेल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विवाद की शुरुआत तब हुई जब बुधवार को नगर निगम के साधारण सम्मेलन का बहिष्कार सत्ता पक्ष के बीजेपी पार्षदों द्वारा किया गया। दरअसल, कांग्रेस पार्षद इस्माइल अंसारी ने महापौर माधुरी पटेल को "डरपोक महापौर" कह दिया था, जिसके बाद बीजेपी पार्षदों ने विरोध जताया।
कांग्रेस का महापौर पर भ्रष्टाचार का आरोप
कांग्रेस पार्षदों का आरोप है कि नगर निगम द्वारा जारी बजट में लाखों रुपये के भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए महापौर माधुरी पटेल ने नगर निगम के साधारण सम्मेलन को नियोजित ढंग से स्थगित किया। कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष अजय सिंह रघुवंशी की अगुवाई में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में यह आरोप लगाए गए।
भारी-भरकम खर्चों पर उठाए सवाल
कांग्रेस पार्षदों ने महापौर पर आरोप लगाया कि यात्रा भत्ते पर लगभग 1.75 करोड़ रुपये खर्च किए गए और नगर निगम परिषद की शपथ विधि समारोह के टेंट का खर्च 45 लाख रुपये था। इस तरह के अनाप-शनाप खर्चों को लेकर कांग्रेस पार्षदों ने सवाल खड़े किए हैं और कहा कि यह सारे खर्च महापौर माधुरी पटेल द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को दर्शाते हैं।
लोकायुक्त और विधानसभा में उठेगा मुद्दा
कांग्रेस पार्षदों ने इस मुद्दे को लोकायुक्त, मध्य प्रदेश शासन और विधानसभा तक ले जाने का फैसला किया है। कांग्रेस के विधायकों द्वारा भी विधानसभा में इस पर प्रश्न उठाने की योजना है। कांग्रेस का दावा है कि महापौर के भ्रष्टाचार को लेकर वह जनता को जागरूक करने के लिए पूरे शहर में होर्डिंग्स, पोस्टर्स और पंपलेट्स लगाएंगे, ताकि लोग इस भ्रष्टाचार से वाकिफ हो सकें।
महापौर की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं
वहीं, महापौर माधुरी पटेल ने इन आरोपों पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बीजेपी के अन्य पार्षदों का कहना है कि कांग्रेस पार्षदों के आरोप निराधार हैं और यह सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश है।
नगर निगम की राजनीति में उबाल
यह ववाद बुरहानपुर नगर निगम की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है। दोनों ही दलों के पार्षद एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं, जिससे नगर निगम के कामकाज में रुकावट आ रही है। नगर निगम की इस उठापटक के बीच, जनता की निगाहें अब आने वाले दिनों में होने वाले घटनाक्रमों पर टिकी हुई हैं।
इस विवाद से साफ है कि बुरहानपुर नगर निगम की राजनीति में आने वाले दिनों में और भी अधिक तनाव देखने को मिलेगा, जहां भ्रष्टाचार के आरोपों और राजनीतिक रणनीतियों का खेल जारी रहेगा।