Burhanpur, दानिश रज़ा खान: बुरहानपुर के पावरलूम सेक्टर में संकट गहराता जा रहा है। मजदूरी में बढ़ोतरी की मांग को लेकर पावरलूम बुनकर संघ ने उद्योग संचालकों को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। अगर इस अवधि में मजदूरी नहीं बढ़ाई गई, तो 50,000 से अधिक पावरलूम ठप्प हो सकते हैं, जिससे 1.50 लाख से ज्यादा मजदूरों और उनके परिवारों का जीवन प्रभावित होगा।
मजदूरी में हो रही कटौती से बढ़ा बुनकरों का आक्रोश
बुनकर संघ के अध्यक्ष और अधिवक्ता रियाज अहमद अंसारी के अनुसार, टेक्सटाइल उद्योग संचालक मजदूरों को कम मजदूरी देकर उनका शोषण कर रहे हैं। वर्तमान में मजदूरी प्रति मीटर कपड़े की बुनाई पर 25 रुपए से भी कम दी जा रही है, जबकि बुनकरों की उचित मजदूरी 24.50 रुपए प्रति मीटर निर्धारित की गई थी। इसके अलावा, मजदूरी से सूत कोन और कपड़े की घट का अंतर भी काटा जा रहा है, जिससे बुनकरों की आर्थिक स्थिति और अधिक कमजोर हो रही है।
बंद पड़े पावरलूम और बढ़ती समस्याएं
बुरहानपुर में लगभग 40 प्रतिशत पावरलूम पहले से ही बंद हैं, जिससे बुनकर बिजली बिल और अन्य खर्चों का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। बिजली कंपनी द्वारा लाइन काटी जा रही है, और मीटर उखाड़कर ले जाए जा रहे हैं। इन सबके चलते बुनकर संघ ने 14 अप्रैल 2024 को एक बार पहले भी अनिश्चितकालीन हड़ताल की थी, जिसके बाद कलेक्टर के हस्तक्षेप से लेबर कमिश्नर की मध्यस्थता में बैठक हुई थी।
अंतिम चेतावनी: बुनकरों की मांगें पूरी नहीं हुईं तो बंद होंगे पावरलूम
बुनकर संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर एक हफ्ते के भीतर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे सभी पावरलूम बंद कर देंगे। यह आंदोलन बुरहानपुर के पावरलूम सेक्टर के भविष्य के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।
टेक्सटाइल उद्योग पर मंडरा रहा संकट
अगर बुनकरों की मांगें नहीं मानी गईं तो यह आंदोलन पूरे टेक्सटाइल उद्योग को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में उद्योग संचालकों और प्रशासन के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। बुनकर संघ ने इस आंदोलन को लेकर पूरी तैयारी कर ली है, और अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि अगले हफ्ते क्या होने वाला है।