google.com, pub-7060990374677024, DIRECT, f08c47fec0942fa0 यह किसकी लापरवाही: बाढ़ के पानी में जान जोखिम में डालने को मजबूर ग्रामीण और शिक्षक
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यह किसकी लापरवाही: बाढ़ के पानी में जान जोखिम में डालने को मजबूर ग्रामीण और शिक्षक


बुरहानपुर, दानिश रज़ा खान: जिला मुख्यालय से महज 15 किमी दूर ठाठर खामला मार्ग पर स्थित उतावली नदी के रपटे से गुजरने वाले ग्रामीण और शिक्षक अपनी जान जोखिम में डालने पर मजबूर हैं। burhanpur news बरसात के मौसम में इस रपटे पर पानी का तेज बहाव होता है, जिससे खामला, बलड़ी, करोनिया, रूमना और आसरा फालिया जैसे गांवों का संपर्क टूट जाता है। इसके बावजूद, जिला प्रशासन ने यहां पुलिया बनाने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे हादसों की आशंका बनी हुई है।


प्रशासन की उदासीनता इस कदर है कि ग्रामीणों और शिक्षकों द्वारा बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी उनकी परेशानियों को नजरअंदाज किया जा रहा है। यहां हर साल बारिश के दौरान रपटा जलमग्न हो जाता है, और लोग जान हथेली पर रखकर पैदल और वाहनों के साथ इस खतरनाक मार्ग को पार करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। ऐसा नहीं है कि प्रशासन को इस समस्या की जानकारी नहीं है, बल्कि इसके बावजूद वे आंखें मूंदकर बैठे हुए हैं। 


स्थानीय शिक्षकों ने भी इस रपटे पर पुलिया बनाने की जोरदार मांग की है, लेकिन उनकी मांगें अब तक अनसुनी ही रही हैं। यह जिला प्रशासन की घोर लापरवाही को उजागर करता है, जो लोगों की जान को खतरे में डाल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह स्थिति किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।


जिला प्रशासन की इस उदासीनता पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं, और लोग प्रशासन की जिम्मेदारी और जवाबदेही पर सवाल उठाने लगे हैं। यह स्थिति तत्काल ध्यान और कार्रवाई की मांग करती है, ताकि ग्रामीणों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और आने वाले दिनों में कोई अप्रिय घटना न घटे।

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