बुरहानपुर नगर निगम सदन से दानिश रज़ा खान लाइव रिपोर्टिंग:
प्रश्न 01: BJP पार्षद गुरव शुक्ला ने सदन के समक्ष रखा गौरव शुक्ला ने सवाल पुछा की सभी 48 पार्षदों के सवालो के जवाब लेट मिले है
आयुक्त का जवाब जवाब :- साधारण सभा मे कम से कम एक दिन पहले जवाब दे सकते हैं, और यह जवाब नियम पूर्वक दिए गए हैं, इस पर विपक्षीय कांग्रेस के पार्षदों ने भी समर्थन किया वहीं विपक्षी नेता ओवैद शेख ने सदन को नियमों के विरुद्ध बताया और इसे कैंसल करने की मांग की जिस पर निगम अध्यक्ष अनीता मां यादव ने हस्तक्षेप किया और अधिकारियों को फटकार लगाया कहा कि आगे कभी ऐसी गलती ना दोराई जाए जिसके बाद यह प्रश्न समाप्त हुआ
02: फिर सदन मे कांग्रेस पार्षद इस्माइल अंसारी की मांग पर सदन में नेता प्रतिपक्ष हामिदा अकील औलिया का उद्बोधन हुआ लेकिन यह उद्बोधन भी हंगामा की भेद चढ़ गया नेता प्रतिपक्ष हामिदा औलीया ने अपने उद्बोधन मैं महापौर की कार्यशाली पर सवाल उठाए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि महापौर को जनता ने शहर के विकास के लिए चुना था लेकिन शहर में विकास नहीं दिखता है इसके बाद सभापति अनीता हमारी यादव ने महापौर को जवाब देने को कहा
महापौर का जवाब :- महापौर माधुरी अतुल पटेल ने नेता प्रतिपक्ष हमीदा अकिऔलिया के जवाब में नगर निगम के काम गिनाए सेंट्रल गवर्नमेंट की योजनाएं भी कि नहीं विपक्षी पार्षदों ने हंगामा कहा कि सेंट्रल गवर्नमेंट की योजनाएं अपना बनाते हुए बुरहानपुर नगर निगम के काम गिनाए जो आपने किया हो विपक्षी पार्षदों ने शहर में हुए बारिश से गड्ढॉ ओर जल जामो का मुद्दे पर जोड़ देते हुए कहा कि की समस्या अब तक हल नहीं हुई है जबकि नगर निगम प्रशासन दावा कर रहा है कि हमने सभी नाले साफ करवा दिए और शहर में जल जवान जैसी समस्या से छुटकारा मिल चुका है
प्रश्न 03 :- कांग्रेस पार्षद इस्माइल अंसारी ने विधायक प्रतिनिधि की जगह पर सवाल कड़े किए और कहा की विधायक प्रतिनिधि की जगह महापौर के बाजू में क्यों पहले विधायक प्रतिनिधि की जगह आयुक्त लेफ्ट में थी लेकिन अब यह जगह महापौर की राइट में हो गई है जहां पर पहले सांसद प्रतिनिधि की जगह थी विपक्षी नेता इसमें अंसारी ने कहा कि विधायक प्रतिनिधि लगातार महापौर को डिस्टर्ब करता है अगर महापौर को किसी असिस्टेंट की जरूरत है तो अभिमानपुर इस्तीफा दे क्योंकि हमें मजबूत महापौर की जरूरत है डरपोक महापौर की ज़रूरत नहीं है इसके बाद सत्ता पक्ष भाजपा के पार्षदों ने इसे महापौर का अपमान बताया और सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षद आमने-सामने हो गए इसके बाद सदन को स्थगित करना पड़ा