google.com, pub-7060990374677024, DIRECT, f08c47fec0942fa0 बुरहानपुर के पातोंडा गांव में केला किसानों पर कुकुंबर मोजेक वायरस का कहर, मुआवजे की गुहार
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बुरहानपुर के पातोंडा गांव में केला किसानों पर कुकुंबर मोजेक वायरस का कहर, मुआवजे की गुहार

बुरहानपुर, दानिश रज़ा खान: बुरहानपुर के पातोंडा गांव में केला किसानों पर कुकुंबर मोजेक वायरस (सीएमवी) का कहर बरपा है। जिले में इस साल किसानों ने 23,000 हेक्टेयर से अधिक रकबे में केले की फसल लगाई थी, लेकिन अब यह फसल कुकुंबर मोजेक वायरस की चपेट में आकर बर्बाद हो रही है। पातोंडा गांव के 40 से अधिक किसानों ने खेतों में वायरस से प्रभावित फसल को उखाड़कर फेंकने का कठोर कदम उठाया है। अब किसान राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।


केले की फसल पर कुकुंबर मोजेक वायरस का प्रकोप

पातोंडा गांव बुरहानपुर जिला मुख्यालय से मात्र 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां के केला उत्पादक किसानों की फसल पर कुकुंबर मोजेक वायरस का हमला हुआ है। इस वायरस के कारण केले के पौधों के पत्ते सिकुड़ जाते हैं, उन पर दाग-धब्बे दिखाई देने लगते हैं, और पौधों का विकास रुक जाता है। वायरस के इस प्रकोप से किसानों के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है, जिसके चलते उन्हें मजबूरन अपनी हरी-भरी फसल को नष्ट करना पड़ रहा है। 


किसानों की कड़ी मेहनत पर पानी फिरा

पातोंडा गांव के किसान ओमराज बावस्कर, जो खुद इस संकट से जूझ रहे हैं, बताते हैं, "मैंने तीन एकड़ रकबे में 5600 केले के पौधे लगाए थे। फसल को बचाने के लिए दो बार कीटनाशकों का छिड़काव किया, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। सीएमवी के प्रकोप ने हमारी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। पौधों की ऊंचाई बढ़ना बंद हो गई और उनकी पत्तियां मुड़कर खराब हो गईं। अब हमें लाखों रुपये का नुकसान हुआ है, और हमने सरकार से मुआवजा की अपील की है।"


अधिकारियों और सरकार से उम्मीदें

वायरस से प्रभावित किसानों की हालत गंभीर है। वे अब सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उनकी मांग है कि राज्य सरकार इस संकट से उबरने के लिए त्वरित राहत और मुआवजे का प्रावधान करे ताकि किसानों को उनके नुकसान की भरपाई हो सके और वे भविष्य में इस तरह के नुकसान से बचने के उपाय कर सकें।


मीडिया के माध्यम से सरकार से अपील

किसान समुदाय ने मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्य सरकार से अपील की है कि वे उनकी समस्याओं पर ध्यान दें और तत्काल राहत प्रदान करें। प्रभावित किसानों का कहना है कि अगर उन्हें समय पर सहायता नहीं मिली, तो उनकी आर्थिक स्थिति और खराब हो जाएगी, जिससे उनके लिए भविष्य में खेती करना और भी मुश्किल हो जाएगा।


सरकार से मदद की आस

इस संकट के चलते पातोंडा गांव के केला किसान अब पूरी तरह से राज्य सरकार की ओर देख रहे हैं। वे आशा कर रहे हैं कि सरकार उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेगी और उन्हें इस मुश्किल घड़ी में सहारा देगी। इसके अलावा, वे चाहते हैं कि फसल बीमा योजना के तहत उन्हें मुआवजा दिया जाए ताकि उनकी आर्थिक स्थिति सुधर सके और वे फिर से खेती में लग सकें।

कुकुंबर मोजेक वायरस के इस प्रकोप ने बुरहानपुर के केला किसानों के लिए गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। अब यह देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस चुनौती से निपटने के लिए क्या कदम उठाते हैं और किसानों को राहत देने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जाते हैं।

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