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बुरहानपुर के पर्वतारोही योगेश ने हिमाचल की ऊंची यूनम पहाड़ी पर फहराया तिरंगा, माउंट एवरेस्ट फतह का अगला लक्ष्य


बुरहानपुर, दानिश रज़ा खान: बुरहानपुर के युवक योगेश कुमार सुरजिया ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक अद्वितीय उपलब्धि हासिल की। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊंची यूनम पहाड़ी (6150 मीटर) पर तिरंगा फहराकर देश और शहर का मान बढ़ाया। यह कोई साधारण कार्य नहीं था—माइनस 5 डिग्री के तापमान में, ऑक्सीजन की कमी और ड्राय पहाड़ों के बीच, यह चढ़ाई किसी चुनौती से कम नहीं थी। 

11 सदस्यीय टीम में केवल 4 ने पहुंची चोटी पर:

योगेश 11 पर्वतारोहियों की एक टीम के साथ इस अभियान पर निकले थे। लेकिन कठिनाइयों के चलते धीरे-धीरे कई सदस्यों ने हार मान ली। अंततः सिर्फ 4 लोग ही चोटी तक पहुंच पाए, जिनमें से एक योगेश भी थे। 


15 अगस्त को फहराया तिरंगा:

78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर योगेश ने 15 अगस्त की सुबह यूनम पहाड़ी की चोटी पर तिरंगा फहराया। यह उनके लिए और पूरे बुरहानपुर के लिए गर्व का क्षण था। योगेश का अगला सपना अब माउंट एवरेस्ट पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराने का है, जिसके लिए वे पूरी मेहनत और लगन से तैयारी कर रहे हैं। 


चढ़ाई की कठिनाइयों का सामना:

योगेश बताते हैं कि यह पहाड़ बर्फ से नहीं, बल्कि ड्राय था, जिससे चढ़ाई और भी चुनौतीपूर्ण हो गई थी। ऑक्सीजन की कमी और माइनस 5 डिग्री का तापमान उनके सामने बड़ी बाधाएं थीं। फिर भी, उन्होंने अपनी हिम्मत और दृढ़ संकल्प के बल पर 11 अगस्त को यात्रा शुरू की और 15 अगस्त की सुबह तिरंगा फहरा दिया। चोटी पर वे केवल एक घंटे ही रह सके, क्योंकि वहां ज्यादा समय बिताना खतरनाक हो सकता था।


पिछले अनुभवों ने बनाई राह आसान:

योगेश के लिए यह पहली बड़ी चढ़ाई नहीं थी। इससे पहले उन्होंने माउंट फ्रेंडशिप पीक और शेटीधार जैसी ऊंचाईयों को भी फतह किया है। उनकी पर्वतारोहण की यह रुचि 2016 में मनाली की एक यात्रा से शुरू हुई, जहां उन्होंने पहली बार ट्रेकिंग का अनुभव किया। इसके बाद उन्होंने 2019 में अटल बिहारी वाजपेयी माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट, मनाली से पर्वतारोहण की ट्रेनिंग ली। वर्तमान में, योगेश एक बैडमिंटन कोच के रूप में काम कर रहे हैं और अपने सपने को साकार करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। 

योगेश की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार और दोस्तों के लिए बल्कि पूरे बुरहानपुर के लिए गर्व का विषय है। उनके इस साहसिक कार्य ने दिखा दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।

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