भोपाल, दानिश रज़ा खान: कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई हिंसा और हत्या के विरोध में देशभर के डॉक्टरों में आक्रोश है। इसके चलते भोपाल के एम्स और हमीदिया अस्पताल के जूनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर जा रहे हैं। इस हड़ताल से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
प्रदेशभर में हड़ताल की तैयारी
यह हड़ताल सिर्फ भोपाल तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में इसका असर देखने को मिलेगा। लगभग 3,000 डॉक्टर इस प्रदेश स्तरीय हड़ताल में भाग ले रहे हैं। इन डॉक्टरों ने काम बंद कर विरोध जताने का फैसला किया है। इससे अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित होंगी, जिससे मरीजों को इलाज के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
आईएमए का ऐलान: 24 घंटे के लिए बंद रहेगा इलाज
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी इस घटना के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए 17 अगस्त को पूरे प्रदेश में 24 घंटे के लिए इलाज बंद रखने का ऐलान किया है। यह निर्णय डॉक्टरों की सुरक्षा और काम के माहौल में सुधार की मांग को लेकर लिया गया है। IMA के इस कदम से प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप रहने की संभावना है।
मरीजों पर असर
डॉक्टरों की इस हड़ताल से अस्पतालों में इलाज के लिए आए मरीजों को काफी परेशानी हो सकती है। खासकर उन मरीजों के लिए यह स्थिति और भी मुश्किल हो सकती है, जिन्हें आपातकालीन सेवाओं की जरूरत होती है।
सरकार और प्रशासन पर दबाव
डॉक्टरों की इस हड़ताल और विरोध प्रदर्शन से सरकार और प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है कि वे डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके कामकाजी माहौल में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
यह हड़ताल केवल कोलकाता की घटना का विरोध नहीं है, बल्कि यह पूरे चिकित्सा समुदाय की चिंताओं और चुनौतियों का प्रतीक बन गई है। अब यह देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।