बुरहानपुर, दानिश रज़ा खान: हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा मंकीपॉक्स को वैश्विक स्तर पर गंभीर चिंता का विषय घोषित किए जाने के बाद, मध्य प्रदेश में इस रोग के प्रसार को रोकने के लिए तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण एडवायजरी जारी की है।
मंकीपॉक्स की रोकथाम और निगरानी:
बुरहानपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. राजेश सिसोदिया ने जिले के सभी सिविल सर्जन, मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारियों और शहरी क्षेत्र के नोडल अधिकारियों को मंकीपॉक्स के नियंत्रण और बचाव के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मंकीपॉक्स से बचाव के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स का पालन सुनिश्चित किया जाए। खासकर, बाहर से आने वाले यात्रियों और अस्पतालों में आने वाले मरीजों की कड़ी निगरानी की जाएगी।
संक्रमण की पहचान और प्रबंधन:
सीएमएचओ द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी संदिग्ध मामलों को चिन्हित कर अलग से रखा जाएगा, और इन मरीजों को केवल तब ही डिस्चार्ज किया जाएगा जब आइसोलेशन समाप्त करने का आदेश दिया जाएगा। जिला सर्विलांस अधिकारी की निगरानी में संभावित मरीजों पर लगातार नजर रखी जाएगी। मंकीपॉक्स का संक्रमण की स्थिति में, वायरस का परीक्षण पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) में किया जाएगा। यदि कोई मामला पॉजिटिव पाया जाता है, तो 21 दिनों के भीतर मरीज के संपर्क में आए सभी व्यक्तियों की पहचान कर उनकी निगरानी की जाएगी।
रोग के लक्षण और प्रसार:
जिला महामारी विशेषज्ञ श्री रविंद्र सिंह राजपूत ने मंकीपॉक्स वायरस के प्रसार और लक्षणों के बारे में जानकारी दी। यह वायरस पशुओं से मनुष्यों और मनुष्यों से अन्य मनुष्यों में फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति के शरीर पर चकत्ते दिखाई देने से यह पता चलता है कि यह रोग एक से दो दिन पहले ही फैल चुका है। संक्रमित व्यक्ति के शरीर से तब तक संक्रमण का खतरा रहता है जब तक उसके सभी चकत्तों की पपड़ी नहीं गिर जाती।
एहतियात बरतने की सलाह:
राज्य सरकार द्वारा जारी एडवायजरी में मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए आम जनता को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और हाथों को नियमित रूप से साफ रखना जरूरी है।
मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है ताकि इस बीमारी के प्रसार को रोका जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।