बुरहानपुर, दानिश रज़ा खान: बुरहानपुर जिले की ग्राम पंचायत मांडवा में भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले का खुलासा हुआ है, Mandva Panchayat scam जिसमें सरपंच और उप सरपंच ने मृत श्रमिकों की समग्र आईडी का दुरुपयोग कर 16 लाख रुपये की अनुग्रह सहायता राशि का गलत तरीके से लाभ उठाया। इस मामले में ias srushti deshmukh जिला पंचायत सीईओ सृष्टि देशमुख ने कठोर कार्रवाई करते हुए सरपंच तुलसीराम और उप सरपंच संजय जाधव को पद से अयोग्य घोषित कर दिया है। अब वे छह साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। Burhanpur corruption case इसके साथ ही तत्कालीन सचिव सुनिल पटेल की सेवा भी समाप्त कर दी गई है।
भ्रष्टाचार का खुलासा और कार्रवाई
यह मामला तब सामने आया जब नेपानगर क्षेत्र की ग्राम पंचायत मांडवा में Sambal Yojana fraud संबल योजना के तहत मृतकों की समग्र आईडी से छेड़छाड़ कर 8 लोगों को 16 लाख रुपये का लाभ पहुँचाने की शिकायत मिली। Nepanagar Panchayat scam जांच में यह साबित हुआ कि इन मृत श्रमिकों के नाम पर ई-संबल कार्ड जारी कराकर राशि का गलत उपयोग किया गया था।
जिला पंचायत सीईओ द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच दल ने मौके पर जाकर इस गड़बड़ी की पुष्टि की। जिला पंचायत ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सरपंच और उप सरपंच को मध्यप्रदेश पंचायत राज व ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत तत्काल प्रभाव से पद से हटाया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। इसके अलावा, सुनिल पटेल, जो तत्कालीन सचिव थे, को भी अनुशासनहीनता और लापरवाही के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
कलेक्टर भव्या मित्तल के निर्देश पर की गई इस जांच में यह पाया गया कि इस भ्रष्टाचार में पंचायत के अधिकारियों ने गंभीर लापरवाही बरती थी। जिला पंचायत द्वारा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए 16 लाख रुपये की राशि की वसूली भी की गई।
इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि सरकार और प्रशासन किसी भी तरह के भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कदम उठा रही है।