BNC News डेक्स | मध्यप्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में अनियमितताओं की जांच कर रहे CBI (केंद्रीय जांच ब्यूरो) के एक अधिकारी को खुद भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया है। यह घटनाक्रम तब सामने आया जब सीबीआई ने अपने ही विभाग के अधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
सीबीआई अधिकारी रिश्वत लेते गिरफ्तार
सीबीआई ने सोमवार को जानकारी दी कि मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की अनियमितताओं की जांच के दौरान रिश्वत के बदले अनुकूल निरीक्षण रिपोर्ट देने के आरोप में अपने ही इंस्पेक्टर राहुल राज को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में कुल 12 अन्य व्यक्तियों को भी हिरासत में लिया गया है।
हाईकोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद, नर्सिंग कॉलेजों में हो रही अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई ने एक विशेष टीम का गठन किया था। जांच के लिए सात कोर टीमों और तीन से चार सपोर्ट टीमों का गठन किया गया, जिसमें सीबीआई के अधिकारी, राज्य के नामित अधिकारी और पटवारी शामिल थे।
23 लोगों के खिलाफ जांच शुरू
सीबीआई की इंटरनल विजिलेंस टीम ने 23 लोगों के खिलाफ जांच शुरू की, जिसमें सीबीआई के इंस्पेक्टर राहुल राज समेत तीन अन्य सीबीआई अधिकारी और अन्य लोग शामिल थे। राहुल राज को अनिल भास्करन और उनकी पत्नी सुमा अनिल से 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
छापेमारी में मिले करोड़ों के सबूत
जांच को आगे बढ़ाते हुए, सीबीआई की नई दिल्ली टीम ने भोपाल, इंदौर, रतलाम, जयपुर समेत 31 ठिकानों पर छापेमारी की। इन छापेमारियों में 2 करोड़ 33 लाख रुपए, 4 गोल्ड बिस्किट, 36 डिजिटल डिवाइस और 150 संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
CBI की इस कार्रवाई ने नर्सिंग कॉलेजों में हो रही अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। यह घटना न केवल CBI के भीतर की भ्रष्टाचार को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि देश के विभिन्न हिस्सों में नर्सिंग शिक्षा प्रणाली में कितना भ्रष्टाचार फैला हुआ है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- मुख्य आरोपी: CBI इंस्पेक्टर राहुल राज
- गिरफ्तारी: रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए
- छापेमारी: 31 ठिकानों पर कार्रवाई
- बरामद: 2 करोड़ 33 लाख रुपए, 4 गोल्ड बिस्किट, 36 डिजिटल डिवाइस, 150 संदिग्ध दस्तावेज
- जांच का आदेश: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
यह घटना सीबीआई के अधिकारियों और अन्य संबद्ध लोगों के भ्रष्टाचार को उजागर करती है, जो नर्सिंग कॉलेजों में अनियमितताओं की जांच के नाम पर रिश्वत ले रहे थे। CBI की यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है जो यह दर्शाती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में कोई भी अछूता नहीं है, चाहे वह किसी भी विभाग का अधिकारी क्यों न हो।