बुरहानपुर दानिश रज़ा खान | बुरहानपुर की रेणुका कृषि उपज मंडी लापरवाही और अनदेखी की मंडी बनती जा रही है लाखों करोडो रूपए की लागत से बने मंडी परिसर में नीलामी शेड्स पर व्यापारियों के अनाज के बोरो का कब्जा है जिस की खबर बार बार मीडिया में प्रसारित व प्रकाशित होने के बाद भी मंडी के जिम्मेदार अफसर इन नीलामी शेड्स पर अनाधिकृत रूप से व्यापारियो के रखे अनाज के बोरे हटवाने में नाकाम है मंडी के अफसर केवल व्यापारियों को नीलामी शेड्स से अनाज के बोरे हटाए जाने को लेकर नोटिस देने की रस्म अदायगी करते है लेकिन इस पर अमल नहीं करवाते है अब किसान के लिए काम करने वाले संगठन इसे हटाए जाने व मंडी की समस्याओं को लेकर लगातार आला अफसरों से भेंट और जरूरत पडी को आंदोलन करने की बात कह रहे है देखना है मंडी के जिम्मेदार अफसर इस पर भी मंडी में फैली इन अव्यवस्थाओं को दुरूस्त कराते है या नहीं
रेँणुका कृषि उपज मंडी अऩाज मंडी में लंबे समय से यहां बने नीलामी शेड्स पर व्या अपना किसानों से अनाज खरीदकर इसी शेड्स पर बोरो को अनाधिकृत रूप से रख देते है जबकि नियम अऩुसार व्यापारियों को किसान से अनाज खरीदने के बाद इसे अपने प्रतिष्ठानों या गोदामों में रखने का नियम है लेकिन देखा यह जाता है कि व्यापारी अपने अऩाज से भरे बोरे इन नीलामी शेड्स पर रखकर नियम कायदों का मखौल उडा रहे है मंडी के अफसर कर्मचारी नीलामी शेड्स पर व्यापारियों के रखे इन अनाज के अनाधिकृत रूप से रखे बोरे बजाए हटावाने के उन पर ना जाने क्यों मेहरबान है
नीलामी शेड्स केवल अनाज की नीलामी के लिए बनाए जाते है लेकिन मंडी में जिम्मेदार अफसर और कर्मचारियों की लापरवाही और रोक टोक नहीं करने के कारण अब तो किसान इन नीलामी शेड्स पर ट्रेक्टर ट्रॉली चढा रहे है साथ ही रेणुका मंडी में हेलिपेड के पास बने लाखों रूपए के बडे बडे नीलामी शेड्स डोम पर व्यापारी किसानों से मक्का खरीदकर इन शेड्स और डोम में मक्का फैलाकर उसकी नमी को कम करके चांदी काट रहे है इस नीलामी शेड्स डोम पर भी व्यापारी ट्रेक्टर वाले हल की मदद से मक्के को फैला रहे है वह भी मंडी कर्मचारियों के साथ सांठ गांठ करके जबकि यह बिल्कुल नियम के विरूध्द है व्यापारी किसानों से नमी वाला मक्का कम दामों में खरीदकर मंडी के नीलामी शेड्स में बिना अनुमति और बिना किसी शुल्क चुकाए पूरे परिसर में मक्का फैलाकर अधिक दामों में बेचकर चांदी काटते है और यह सब होता है मंडी कर्मचारियों की मौन स्वीकृति से इससे लाखों रूपए लागत से बना नीलामी शेड्स के क्षतिग्रस्त होने की आशंका बनी रहती है जिला प्रशासन और मंडी के आला अफसरों को इन अव्यवस्थाओं को संज्ञान में लेकर जिम्मेदार अफसर कर्मचारियों पर नियम अनुसार कार्यवाही करनी चाहिए ताकि किसान की संपत्ति मंडी के यह नीलामी शेड्स क्षतिग्रस्त ना हो और मंडी में सभी गतिविधिया मंडी अधिनियम के तहत संचालित हो