मामले में पहले 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर भेजा जा चुका है जेल
बुरहानपुर दानिश रज़ा खान / बुरहानपुर - पिछले दिनों मध्य रेल के भुसावल मंडल के बुरहानपुर स्टेशन पर 42 टन रेलवे का लोहा बिना किसी टेंडर के चोरी छुपे बेचे जाने का मामला उजागर हुआ था इस मामले को भुसावल रेलवे मंडल की आरपीएफ की क्राईम ब्रांच व बुरहानपुर आरपीएफ पुलिस ने संयुक्त रूप से मामले को उजागर किया था मामले के उजागर होने के बाद पूरे रेलवे विभाग में हडकंप मच गया था इस मामले में सीनियर सेक्शन इंजीनियर हरेंद्र कुमार और ट्रेकमेन को सबसे पहले आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया गया था उन के व्दारा पूछताछ में 3 और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया रेलवे पुलिस ने 42 टन लोहा नागपुर से बरामद किया था इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपी भुसावल रेलवे मंडल में स्टॉक वेरीफायर की पोस्ट पर पदस्थ मधुसूदन डोंगरे जो कि फरार चल रहा था आरपीएफ ने इस मुख् आरोपी को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की गिरफ्तारी के बाद उसे खंडवा की रेलवे कोर्ट में पेश किया गया था आरपीएफ की मांग पर कोर्ट ने 22 नवंबर तक रिमांड का आदेश दिया था 22 नवंबर को रिमांड अवधि समाप्ति पर आरोपी का मेडिकल कराने के लिए बुरहानपुर जिला अस्पताल लाया गया आरपीएफ अधिकारियों के अनुसार अभी और पूछताछ बाकी है कोर्ट से और रिमांड की मांग की जाएगी ।
गौरतलब है कि मामले की जांच के लिए पिछले दिनों आरपीएफ के आईजी अजय सदानी भी जांच के लिए बुरहानपुर पहुंचे थे। उन्होंने तक स्पष्ट तौर पर कहा था कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। तब से मामले की जांच जारी थी और अब जाकर पूरे मामले का साजिशकर्ता मधुसुदन डोंगरे को माना जा रहा है।
आरपीएफ अफसरों ने इसकी पुष्टि की है। आरपीएफ के अनुसार, डोंगरे स्टॉक वेरिफायर हैं और उसी ने यह साजिश रची थी। इससे पहले आरपीएफ ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जिसमें लोहा खरीदने वाले नागपुर की फर्म के लोग भी शामिल थे।
क्या था पूरा मामला
रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर बुरहानपुर हरेंद्र कुमार ने ट्रैकमैन भरत कुमार के साथ मिलकर करीब 42 टन लोहा गलत तरीके से नागपुर की एक फर्म एआर ट्रेडर्स को बेच दिया। इसकी शिकायत भुसावल की रेलवे क्राइम ब्रांच को लगने पर टीम ने जांच की तो मामला उजागर हुआ।
आरोपी सीनियर सेक्शन इंजीनियर हरेंद्र कुमार और ट्रैकमैन भरत कुमार और 3 खरीददार पर आरपीएफ ने केस दर्ज रेलवे मजिस्ट्रेट कोर्ट खंडवा में पेश कर पांचों को जेल भेज दिया था। इसके बाद मामले की जांच के लिए रेलवे मुंबई आईजी अजय सदानी भी एक बार बुरहानपुर आए थे।
7अक्टूबर को रेलवे का लोहा गलत तरीके से बेचा गया था। करीब 42 टन लोहा वाघोड़ा रावेर के रेल लाइन के पास रखा था जो स्क्रेप की श्रेणी में था। इसकी कीमत करीब 12 लाख रूपए से अधिक थी। सीनियर सेक्शन इंजीनियर और ट्रैकमैन ने इसे ट्रकों के माध्यम से लोड कराकर नागपुर की एक फर्म एआर ट्रेडर्स को बेच दिया।